Sparsh Vyanjan: दोस्तो आज हम स्पर्श व्यंजन के बारे में जानेंगे कि यह क्या है, स्पर्श व्यंजन की परिभाषा क्या है यह कितने प्रकार का होता है और इसकी संख्या क्या है?
स्पर्श व्यंजन Sparsh Vyanjan
कंठ, तालु, मूर्धा, दंत और ओष्ठ के स्पर्श से उच्चरित व्यंजनों को स्पर्श व्यंजन कहते है. या जिन व्यंजनों के उच्चारण में फेफ़ड़ों से आई हुई हवा से किसी अवयव को स्पर्श करके निकलने वाली व्यंजनों को, स्पर्शी व्यंजन कहते हैं.
स्पर्श उच्चारण के 3 चरण होते हैं –
- प्राण वायु पहले चरण में स्पर्श स्थान तक आती है, इसे आगमन (पहुँचना) कहते हैं।
- दो उच्चारण अव्यव दूसरे चरण में एक दूसरे को स्पर्श करते हुए प्राण वायु को रोक देते हैं, इसे अवरोध कहते हैं।
- तीसरे चरण में दोनों उच्चारण अव्यव एक दूसरे से दूर हो जाते हैं और प्राण वायु मुह से बाहर निकल जाती है, इसे इसे स्फोटन कहते हैं।
स्पर्श व्यंजनों की संख्या
स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या 27 है.
- पहला ‘क’ वर्ग (कंठ से) - क, ख, ग, घ, ड.
- दूसरा ‘च’ वर्ग (तालु से) - च, छ, ज, झ
- तीसरा ‘ट’ वर्ग (मूद्र्धा से) - ट, ठ, ड, ढ, ण
- चौथा ‘त’ वर्ग (दंत से) - त, थ, द, ध, न
- पांचवा ‘प’ वर्ग (ओष्ठ से) - प, फ, ब, भ, म।
Conclusion:
दोस्तो मुझे उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि स्पर्श व्यंजन क्या है और यह कितने प्रकार का होता है. यदि कोई प्रश्न हो तो आप हमसे पूछ सकते है.